-->

नवीनतम

ग़ज़लनामा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
ग़ज़लनामा लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

चाहत के निशां

अप्रैल 11, 2024
स्याह हुआ खून क्यों कर जला होगा कोई अरमां मौत आती नहीं अक्सर कि थाम ले उसका ही दामां कौन आया है मैय्यत में बुझा कर उम्मीदों की शम्मा दफ्न हो...

गजल

जनवरी 10, 2024
साथ हम भी जमाने के चलते रहे वक्त का कुछ ना एहसास हमको हुआ जिंदगी का मुझे किसने पैगाम दी कौन देता रहा हर तरह बद्दुआ। किसके आमद से हम खौफ ...

ग़ज़ल

अक्तूबर 05, 2023
  हमने माना कि है मुख़्तसर ज़िंदगी, नफ़रतों में न हो पर बसर ज़िन्दगी। क़द्र इसकी करो ये है आब-ए-हयात, बन न जाए कहीं ये ज़हर ज़िंदगी। ग़र हैं कांट...

ग़ज़ल

अक्तूबर 05, 2023
  लोग हैं बेशक गिराते जलवे ना इतना जल्दी उल्फ़त लगा. छली दुनिया छलती रहेगी एक ही चूक बस देगी दग़ा. जिसके दर पर प्रीत लगी उसी के ...

ग़ज़ल

अक्तूबर 05, 2023
सफ्हा -ए - हस्ती, इंसान की बस्ती वुजूद ना बचता, जो न होती मस्ती। मिरी सन - ए विलादत, अहम नहीं अहम की बात है, जिंदगी ही मस्ती। चौकोर सेहन थ...

ग़ज़ल

जुलाई 01, 2023
  छोटे लोग गिने जाते कंकर की श्रेणी में। और बड़े आ जाते हैं पत्थर की श्रेणी में।   पल भर में ही कई दिलों का क़त्ल किया करती , जिह...

ग़ज़ल

जुलाई 01, 2023
  समझ ना पाई उनकी आंखें जब मेरे नयन की भाषा इसी लिए शायद क्वांरी है मेरे अंतस की अभिलाषा लाख चाहने पर भी अपनी, भावुकता हम छोड़ नहीं पाए...

अरुणिता के फ्लिपबुक संस्करण

सूचना :-

उत्कृष्ट और सार-गर्भित रचनायें नि:शुल्क प्रकाशनार्थ आमन्त्रित हैं | आप अपनी रचना हमें इस ईमेल पते editor.arunita@gmail.com पर भेज सकते हैं | सभी स्वीकृत रचनाओं को अगामी अंक में प्रकाशित किया जायेगा | दायीं और दिखायी दे रहे 'रचनाकार' स्तम्भ में अपने या किसी अन्य रचनाकार के नाम पर क्लिक करके आप अपनी अथवा अन्य रचनाकारों की सभी प्रकाशित रचनाएँ देख देख सकते हैं |

सर्वाधिक लोकप्रिय :