डॉ० पल्लवी सिंह 'अनुमेहा'
ख्वाबों की पोटली

ख्वाबों की पोटली

सुनो.......     दिल ने कई बार चाहा     तुमसे मिलने का     मन भी बार-बार होता है     बात करने का     पर द…

 अनुरागी प्रेम

अनुरागी प्रेम

अनुराग तो कर लिया तुमने,               अपने पूरे राग से,           लेकिन क्या संभाल सके तुम,                …

विश्वास का राग

विश्वास का राग

यह विश्वास का जो राग है न- वह समागम के लिए नहीं होता, नही होता है- प्रतिपल …

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Out
Ok, Go it!