
रश्मि मृदुलिका
अपने अपने रावण
अपने अपने रावण विद्वानों की बस्ती में रक्षण है, सबके अपने- अपने रावण है| दशानन से हर दिशा को धेरे है| कलुषित मन लिए दि…
अपने अपने रावण विद्वानों की बस्ती में रक्षण है, सबके अपने- अपने रावण है| दशानन से हर दिशा को धेरे है| कलुषित मन लिए दि…
ऐ, सांस थोड़ा धीमे चलो न, अभी ढ़ग से जीये ही कहां है| अभी प्रतीक्षा में है मेरी आंखें अभी संयोग की रैना बाकी है| अ…
जाह्नवी का आज का दिन बहुत व्यस्त रहा, दिनभर भागदौड़ रही | स्कूल में बच्चों की निबंध और कला प्रतियोगिता थी, प्रतियो…
धरा का घर, हर किसी का, जड़- चेतन सब, है इसी का, मानव जाति, पशु- पक्षी सब पेड़ पुष्पों से, रहित है कब, …