विनय बंसल
ग़ज़ल

ग़ज़ल

करोगे मेहनत, फिर देखोगे, सपने होंगे सारे पूरे। जल्दी पूरे हो जाएंगे, जो भी रह गए काम अधूरे। आलस को तुम अपने ऊपर, कभी…

उतना ज्यादा प्यार है

उतना ज्यादा प्यार है

पति की खातिर जल्दी उठकर, सुबह सवेरे चाय बनाती। लगी रहे घर के कामों में, घर की हर उलझन सुलझाती। चौका कपड़े झाड़ू पोंछ…

चाह मेरी नए वर्ष में

चाह मेरी नए वर्ष में

चाह मेरी है नए वर्ष में, कुछ ऐसा हो जाए। बेकारी हो दूर, सभी को रोजगार मिल जाए।   कोई माँगे नहीं राह में, …

अज़ल

अज़ल

कपड़े वहां टंगेगे कैसे,       न कीलें हैं न खूँटा है। हमने पानी उसमें रख्खा,       घड़ा जो सबसे कम फूटा है।  …

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Out
Ok, Go it!