
नरेश चन्द्र उनियाल
कब तलक चलते रहोगे
देखकर अन्याय पथ में , क्या नहीं कुछ भी कहोगे ? आँख यूँ मूंदे हुए तुम कब तलक चलते रहोगे। लाड़ली को …
देखकर अन्याय पथ में , क्या नहीं कुछ भी कहोगे ? आँख यूँ मूंदे हुए तुम कब तलक चलते रहोगे। लाड़ली को …
बस इक फर्ज जरूर निभाना, अबकी बारिश में। पर्णी एक जरूर लगाना, अबकी बारिश में। पारा पार हुआ इस बारी, था अड़तालिस के, उस …