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गर्लफ्रेंड

जुलाई 01, 2023
       मनोहर जी अवकाश प्राप्त सरकारी कर्मचारी थे। और रिटायरमेंट के बाद भी जिंदगी को बड़ी जिंदादिली से जीते थे। उनके दोनों   बच्चे   विवाह के...

ग़ज़ल

जुलाई 01, 2023
  समझ ना पाई उनकी आंखें जब मेरे नयन की भाषा इसी लिए शायद क्वांरी है मेरे अंतस की अभिलाषा लाख चाहने पर भी अपनी, भावुकता हम छोड़ नहीं पाए...

ग़ज़ल

अप्रैल 26, 2023
  1. आज़ बिगड़े हैं जो मेरे हालात   तो कल फिर सुधर भी जाएंगे l     जो लोग मेरी नजरों से गिर   गए है वो मेरी निगाह में फिर चढ़ ना प...

ग़ज़ल

जनवरी 09, 2023
  जब से तुम    मशहूर हो गए हो   तब से   तुम मगरूर हो गए हो   बोल देते हो सच भरी महफिल में क्यों इस कदर बे शऊर हो गए हो   लोगों द...

ग़ज़ल

अक्तूबर 26, 2022
 हज़ार  मसले   घर में खड़े हो गए जब मां बूढ़ी और बच्चे बड़े हो गए   हर बात पे ज़िद करते थे जो उनको बरसों मां से लड़े हो गए   पीज...

अरुणिता के फ्लिपबुक संस्करण

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