
स्वयं की तलाश
पंखुरी खिड़की में खड़ी थी । आज घनघोर बारिश हो रही थी । उसके साथ ही उसके मन में भी अंधेरी घटायें घिरी थी । सोच रही ऐसी…
पंखुरी खिड़की में खड़ी थी । आज घनघोर बारिश हो रही थी । उसके साथ ही उसके मन में भी अंधेरी घटायें घिरी थी । सोच रही ऐसी…
गहरी काली चाय में दूध और शक्कर मिलाते हुए वो आसमान की ओर देख रही थी। - मानस! सूरज ढलने और शाम गहराने के समय जो आसमान …
बाजार में खरीदारी कर, रोड किनारे हाथ में हेलमेट पकड़े बाइक के सामने अभी खड़ा ही हुआ था कि पचास पचपन का एक अधेड…
राजू वर्मा का जीवन उन हजारों करोड़ों भारतीयों की तरह था, जिनका नाम किसी सरकारी दस्तावेज़ में भले हो, पर जिनकी पहचान दुन…
मैं नहीं जानती वह कौन था।यह इत्तफाक ही था कि वह और मैं सिविल लाइन के चौराहे से पैदल साथ ही चल रहे थे। मुझे आगे मोड़ से …
श्याम की जिंदगी में संघर्ष ही संघर्ष था। बेटों को वह अपने संघर्ष के अनुभव बताना चाहता था। अबके समय के बेटे पूरे कलियुगी…
"अरे भई, सौवीं वर्षगांठ मेरी है। शतक मैंने मारी है, पर आप लोग बधाई मुझे न देकर, मेरे बेटा-बहू, बेटी-दामाद और नाती-…
मेरे पड़ोस में सिंचाई विभाग से रिटायर्ड अभियंता राय जी रहते हैं। मेरे अच्छे मित्र के साथ दूर के संबंधी भी हैं। एक नेक औ…
यथार्थवादी सिनेमा के वास्तुकार श्याम बेनेगल (1934-2024) हिन्दी सिनेमा में यथार्थवादी दृष्टिकोण से परिपूर्ण फ़िल्मों क…
होशियार सिंह अपनी होशियारी पर बहुत इतरा रहा था। ऐसा भी होता है जब आदमी के पास पैसा हो जाता है तब वह होशियार भी ह…
गांव के हृदय स्थल में एक वैष्णव परिवार रहता है ।उनके घर में दो मेहमान रहते हैं । एक सिम्मी मौसी और दूसरा तोता मीतू ,द…
’’ बहुत अच्छा व बड़ा परिवार है। एक देवर, दो ननदें , साथ ही सास-ससुर हैं। ’’ मम्मी बुआ को बता रही थीं। अवसर मेरा व…