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ग़ज़ल

अप्रैल 26, 2023
  खिड़की पर सुन्दर बाला है पर दरवाज़े पर ताला है   ख़ूब रहा दिल का चक्कर ये जिसने माथा मथ डाला है   रहना ही है उस साँचे में अप...

अभी तक

जनवरी 10, 2022
  इक लक्ष्य दिखाकर न दिखा यार अभी तक मैं देख रहा राह लगातार अभी तक   हम रोज़ मिले रोज़ मिले और गले भी अफ़सोस कि पैदा न हुआ प्यार अभी...

क्या बाँटोगे?

सितंबर 21, 2021
  क्या लगाकर हिसाब बांटोगे चार में इक गुलाब बांटोगे बाल जिसके सफ़ेद जिस वय में हर किसी को ख़िज़ाब बांटोगे किस तरह जब हज़ार प्यास...

तन क्यों रखेंगे

सितंबर 21, 2021
पड़ेगी और गुंठन क्यों रखेंगे किसी के पास उलझन क्यों रखेंगे                       अगर हम एक टूटा दिल रखे हैं                       उस...

अरुणिता के फ्लिपबुक संस्करण

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