श्यामल बिहारी महतो
गाँधी धुन

गाँधी धुन

कामता बाबू को लोग दफ़्तर में गाँधी जी कहा करते थे । कंपनी काम के प्रति पूर्ण समर्पित ! यह समर्पण की भावना उनके रिटायरम…

बहते लोर

बहते लोर

खैरी गैया की आँख से बहते आँसू देख अचानक से बासु चौंक उठा था । तत्काल उसे समझ में नहीं आया कि वो उसको देख रोने लगी है या…

भूलते रिश्तों की चीख

भूलते रिश्तों की चीख

घर में शादी का माहौल था । आंगन में लगन बंधाने की रश्म की तैयारी चल रही थी । तीन दिन बाद सरला की शादी थी । लड़का-सी आर प…

जीओ और जीने दो

जीओ और जीने दो

' आखिर उसने जो कहा,कर ही डाला '  मंच,मंच पर हमने नेताओं का रूप बदलते, पार्टी बदलते और नीति बदलते भी देखा है…

मंसूबा

मंसूबा

उन दिनों पत्नी के साथ मेरा भारत चीन जैसा ताना तनी चल रही थी । तभी मैने पाकिस्तान जैसा एक नापाक चाल चली थी । …

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