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जयति जयति जय माँ भारती। कोटि नमन शत बार आरती।। सूरज करता अभिनन्दन, नित्य लाल लगाकर चन्दन। हिमपर्वत हिमराज हिमालय, औषधि भंडारण का आलय।। ज...
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धरा का घर, हर किसी का, जड़- चेतन सब, है इसी का, मानव जाति, पशु- पक्षी सब पेड़ पुष्पों से, रहित है कब, सुंदर पृथ्वी, माँ ...
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बेटी भी तुम्हारा अंश है , माँ! तुम तो समझो , तुम भी कभी किसी की बेटी थी। पिता तो अपने पुरुषार्थ से मजबूर है , पुरुष है वह तो , म...
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वर्तमान वर्चुअल जगत के सन्दर्भ में शिक्षण संस्थानो में साइबर बुलीइंग व स्लेन्डर जैसी समस्याओं व उनके निराकरण का अध्ययन आज के डिजीटल काल में...
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मत्स्य पुराण में प्रकृति की महत्ता बताते हुए कहा गया है " सौ पुत्र एक वृक्ष के समान है"।अथर्ववेद में भी प्रकृति संरक्षण का सुंदर...
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हज़ारों वर्षों की नारकीय यातनाएं भोगने के बाद भीष्म और द्रोणाचार्य को मुक्ति मिली। दोनों कराहते हुए नर्क के दरवाज़े से बाहर आये ही थे कि सामने...
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हिंदू कहते मुस्लिम हूं मैं मुस्लिम कहते हिंदू हूं मैं धर्म की रस्साकसी में बारंबार लोग पुछते कौन हूं मैं। कभी मंदिर जाकर चंदन ...
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यह जीवन है उड़ता पक्षी, न जाने किस डाल पर बैठेगा, उड़ेगा चुग्गा लेकर फिर, न जाने कहाँ शाम बिताएगा! कोई पंक्षी गगनांचल में, कोई...