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प्रो० सत्येन्द्र मोहन सिंह लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
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गौरैया

अप्रैल 11, 2024
मेरे घर की मुँडेर पर, भोर एक गौरैया आती। प्याले में रक्खे दानों को, चूँ-चूँ करती खाती जाती॥ उड़ जाती वो बिना बताये, अंबर में जा कर छुप जात...

धैर्य

जनवरी 10, 2024
    - १-   धैर्य नही रख पाये यदि तो ,                    शान्ति नही आ पाएगी। मुख से निकली सुर-वाणी भी ,                     अर्थ हीन...

दीपावली

अक्तूबर 05, 2023
  दीपावली पर्व खुशिओं का , आओ इसे मनायें । घर की सभी मुंडीरों पर , माटी के दिये जलायें।।   जगमग-जगमग हो सारा जग , प्रेम-लहर बन झूमें। प्री...

तू हटा दे

अक्तूबर 05, 2023
  चाह को राह से तू हटा दे ।                                                                                                       ईश को...

अन्नदाता

जुलाई 01, 2023
शत-शत है नमन मेरा उनको , जो जेठ की गर्मी सहते हैं। घनघोर बरसते पानी में , भी कठिन परिश्रम करते हैं॥   अन्न को पैदा करते हैं वो...

अरुणिता के फ्लिपबुक संस्करण

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