
सावित्री शर्मा 'सवि'
स्त्री होना
क्या स्त्री होना अभिशाप जरूरी है बहे नसों में पवित्र खून किसी दैत्य सा जहर नहीं बहे सदियों तक कविता खिलता रहे पलास…
क्या स्त्री होना अभिशाप जरूरी है बहे नसों में पवित्र खून किसी दैत्य सा जहर नहीं बहे सदियों तक कविता खिलता रहे पलास…
किसने छेड़ी तान सखी घर कौन आया है । विहसे मन आज सखी क्या सावन आया है ।। कजरी गाते खग विहग केकी ता था थैया । थाप सुना…
वाहक संस्कृति की बने ,है भारत की शान । बना राज भाषा इसे ,बढ़े देश का मान ।। सरकार तर्क दे रही , कठिन बहुत हैं श…