काव्य-सरिता
आवाज
सुनो! जरा देखना मैंने बाहर आँगन में भूमिका की लटकती अलगनी पर सामयिक धूप में सूखनेके लिए कुछ छोटी कविताएँ डाल रखी है देख…
सुनो! जरा देखना मैंने बाहर आँगन में भूमिका की लटकती अलगनी पर सामयिक धूप में सूखनेके लिए कुछ छोटी कविताएँ डाल रखी है देख…
आ खिड़की पर बैठ भी जा छोटी प्यारी गौरैया झूम झूम आंगन में नाचो मेरी प्यारी गौरैया। तेरी चूं-चूं तेरी चीं-चीं मन क…