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माँ से चांद बोला

सितंबर 22, 2021
एक दिन मां से चांद यूं बोला मैं क्यों दिन में न जाऊं बता दो मुझको माई..... सुबह सवेरे सूरज जाए कलियों को वह   हरषाए बता दो मुझको ...

फौजी का पत्र

सितंबर 21, 2021
  कोयल कूके बदरा छाए बोले मोर पपीहा.. सर्दी बीती गरमी बीती बीता बारिश का महीना ऐसे में कब आओगे स्वामी बार बार बस पूछे मेरा मनवा .....

वो जिंदगी कहां है?

सितंबर 21, 2021
न पहले जैसे लोग न पहले जैसी बातें न पहले जैसा दिन न पहले जैसी रातें न पहले जैसा खेल न पहले जैसी डांटे अब वो जिंदगी कहां है? तारों को...

अरुणिता के फ्लिपबुक संस्करण

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