नीतू रवि गर्ग
हाँ खुदगर्ज हूं मैं

हाँ खुदगर्ज हूं मैं

कुछ पल की है ये जिंदगी,  कुछ पल मुझे अपने संग बिताने दो, कुछ पल मुझे खामोशियों में,  खुद से रूबरू हो लेने दो। अब तक जीए…

पक्षियों की व्यथा

पक्षियों की व्यथा

कभी-कभी बचपन के दिन बड़े याद आते, घूमा करते थे ईद गिर्द, चिड़िया गुरसल कौवे, उनको गिन कर लगाते थे अंदाजा, आएगा कोई मेह…

चाँद पर चन्द्रयान

चाँद पर चन्द्रयान

देखो देखो भारत ने रच दिया फिर एक नया इतिहास , बड़ी कठिनाइयों के बाद चांद पर पहुंच गया चंद्रयान। चांद को सुना करते…

वजह तुम हो

वजह तुम हो

मेरे जीने की वजह तुम हो   मुस्कुराने की वजह तुम हो तुम से ही खिलती है जिंदगी मेरी मेरी धड़कन में तरानो की वजह…

अंजन मसि से लिखूं मैं पाती

अंजन मसि से लिखूं मैं पाती

अंजन मसि से लिखूं मैं पाती, तुम बिन मन रुदन करता बाती, आ जाओ जल्दी मेरे प्रियवर साथी, तुम बिन सूनी हो गई मेरी र…

चिट्ठी

चिट्ठी

पुराने जमाने में लिफाफे में बंद कुछ अल्फाज होते थे, जिन्हें पढ़कर हम सकुन पाते थे। मां भाई  बहन मौसी बुआ चाचा, ना…

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