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मन का कोना

अक्तूबर 26, 2022
  रास्तों से भटक कर मैं खो गया भीड़ में टटोलने लगा मन कहाँ आ गया हूँ मैं बोझ से लगने लगे टूटते से ताने बाने बुनने लगा हूँ कोई ट...

दीवारें

जुलाई 10, 2022
  दीवारों ने कहा ही कब था तुम उकेरो दर्द भरे चित्र अपना अक्स खोजो मिल जाये कहीं सच्चा कलम कूंची का वो सिरा पकड़ कर क्यों उतारे मूरत...

सेमल पर बसंत

जुलाई 10, 2022
लुढक गया है चाँद उतर कर धीरे धीरे खपरैलों पर झोपड़ी की झिरकी से बिखरी गयी है क्षीण आभा सोयी आदिम बाला खदानों से लौट कर हाड़तोड़...

अरुणिता के फ्लिपबुक संस्करण

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