प्रभाष पाठक
ढक्कन कहीं का!

ढक्कन कहीं का!

मनुष्य जीवन में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो भाषा के कोश में तो बहुत सामान्य लगते हैं, लेकिन जब वो लोक-व्यवहार में …

चरित्र

चरित्र

“ चरित्र एक ऐसा हीरा है जो हर दूसरे पत्थर को खरोंच देता है” ।      धन, शक्ति, दिखावट और क्षणभंगुर सफलता से ग्रस्त द…

काम: अवसाद का मारक

काम: अवसाद का मारक

"काम हमेशा अवसाद का मारक होता है" कथन को अक्सर संयुक्त राज्य अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला और एक प्र…

गलत होने की कीमत

गलत होने की कीमत

“गलत होने की कीमत, कुछ न करने की कीमत से कम है” मानव इतिहास के इतिहास में, प्रगति हमेशा उन लोगों द्वारा संचालित की गई ह…

नदी का सौंदर्य

नदी का सौंदर्य

“नदी का सौंदर्य प्रवाह नहीं, बल्कि प्रपात है|” प्रकृति जीवन रूपों,सौंदर्य,संसाधनों,शांति और पोषण का अंतहीन विस्तार है। …

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