
भोजपुरी कविताएं
१ चुरा ले गइल धान, पान, मुस्कान सून कइलस गाँव घर जवार कर देलस तार - तार रिसतन के हँ! बाजार। २ अभाव हमरा खातिर मान…
१ चुरा ले गइल धान, पान, मुस्कान सून कइलस गाँव घर जवार कर देलस तार - तार रिसतन के हँ! बाजार। २ अभाव हमरा खातिर मान…
छोटा सा ही तो फर्क़ है, मुझमे औऱ संसार में रात दोनों के लिए है, जहां सोता मैं जागता हूं रास्ते दोनों के एक है, फ…
बहुत कुछ पढ़ा, अखबारों में , सोशल मीडिया पर और समाचारों में । कविता, गीत, ग़ज़ल और लघुकथा सब में पिता के प्रेम की कहानी थ…
मुझे शिकायत उन लोगों से, जो सुख में भी दुखी रहते हैं, आधा भरा गिलास यदि हो, आधा ख़ाली ही कहते हैं। ढंग सोचने का है उल…
तुम आज भी लड़ रहे हो औरंगजेब के इतिहास पर तुम आज भी लड़ रहे हो जात पांत के भेदभाव पर कहाँ खोये हो तुम आज भी क्यों अन…
कागज की जमीन में कलम के हल से बोया करता कवि किसान बनकर शब्दों के बीज भावों से सिंचित प्रस्फुटित होते अंकुर समय पाकर फि…
सुनो! जरा देखना मैंने बाहर आँगन में भूमिका की लटकती अलगनी पर सामयिक धूप में सूखनेके लिए कुछ छोटी कविताएँ डाल रखी है देख…
क्या स्त्री होना अभिशाप जरूरी है बहे नसों में पवित्र खून किसी दैत्य सा जहर नहीं बहे सदियों तक कविता खिलता रहे पलास…
लड़कियाँ अब छुई-मुई नहीं रहीं। वे पढ़ती-लिखती हैं, काबिल बनती हैं। वे नौकरी करती हैं, वे व्यापार करती हैं, वे करती है…
मुसीबतें तो दोस्तों जीवन में धूप छांव सी आएंगी जीवन का सही आईना आख़िर ये ही हमें दिखाएंगी। मग़र जो धैर्य स…
पथ देता अवरोध पथ देता समाधान हर संघर्षशील पर लागू यह विधि का विधान| चिर स्वप्न में खोया मन किया ना जिसने कोई जतन प्रा…
ना करतीं मनुहार उग जाती घर के कौन- कौन मध्यम मन के आंच में ना पढी ना सुनीं किसी ने मन की कोई थ्योरी उसकी गणित की बन…
. तुम टूट के पत्ते से बिखर गये मै टूटी सुखी डाली सी । पानी बरसा धूप लगी मै हो गई मिट्टी काली सी ।। तुम हवा मे उड़ते जा…
कुछ पल की है ये जिंदगी, कुछ पल मुझे अपने संग बिताने दो, कुछ पल मुझे खामोशियों में, खुद से रूबरू हो लेने दो। अब तक जीए…
कोशिशें की सर्वदा तुमसे मिलन की लाख लेकिन- दूर ही मुझसे रही क्यों? खिन्न होकर, तृप्ति बोलो! तुम रहा करती हो पुष्पित पुष…
तुम साथ साथ चली थी कोमल सी फैली रेत पर हवा ने उड़ाया था उत्तरीय मै दौड़ कर लपकने चल…
फोटो तेरा देखते ही... दिल की धड़कनें तेज हो गई... नज़रें बहुत कुछ कह गई... मन में छुपी हुई बात सामने आ गई... तुम से ब…
पिया बस यूँ ही रूठों ना मुझसे, तुम्हारे घर देर तक ना आने से मेरी तो धड़कन बढ़ जाती हैं, पिया बस यूँ ही मेरे नए कपड़े …
जब हमने याद किया तुमको तुमने भी याद किया होगा सिजदे को टेका जब माथा तुमने भी नमन किया होगा। जब चूमा तुमको ख्यालों में स…
हंसते गाते बिना बात के खुश होते काश कि हम पागल होते उच्चाकांक्षाओं से ना घायल होते काश कि हम पागल होते समझ ना पाते लोगो…