जद्दोजहद

अरुणिता
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राह के सारे दाव 

पैर पे पड़े, बना के घाव 

दर्द को किया नज़रअंदाज 

चढ़ा था कुछ ऐसा ताव . 

 

मेरा दिमाग और दिल 

देख रहे थे सिर्फ मंज़िल 

लहरों से खेलने का था शौक 

क्या करते पाकर साहिल. 

 

जद्दोजहद की न सरहद देखी 

सरहद के बाद फिर जद्दोजहद देखी 

 

राजीव कुमार

चंडीडीह, पोस्ट- सबलपुर

जिला- बाँका, बिहार


 

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