गुस्ताखी मेरी

अरुणिता
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नंदिनी और राज अरेंज मैरिज को  आपसी प्यार और अंडरस्टैंडिंग से बाखूबी निभा रहे हैं ।

नंदिनी  ब्रेकफास्ट के बाद जल्दी-जल्दी में किचन समेट रही होती है क्योंकि उसे भी ऑफिस जाना है।

अचानक उसके बैंक से ₹20000 निकालने का मैसेज अपने फोन पर देखती है और नंदिनी राज से पूछती है, " राज ,तुमने बैंक से इतने पैसे क्यों निकलवाए!  तुम्हें अचानक क्या जरूरत पड़ गई ।

राज - हां ,मुझे कुछ जरूरी काम के लिए चाहिए थे।

  राज की व्यस्तता धीरे-धीरे बढ़ती जाती है जब वह बाहर होता है ना फोन उठाता है ना ही नंदिनी के किसी मैसेज का जवाब देता है।कई बार पैसे निकालता रहा। नंदिनी अंदर ही अंदर  घुटने लगती है और उसके दिमाग में बहुत से सवाल चलते रहते हैं जिसका गुस्सा, राज पर निकलना शुरू हो जाता है।

   अब तनाव के कारण वह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ने लगे।

दोनों के परिवार वाले सोचते हैं कि शायद ऑफिस में काम के प्रेशर की वजह से दोनों में मनमुटाव होता है, तो इसलिए ज्यादा सीरियस नहीं लिया जाता ।

लेकिन कुछ महीनों बाद एक दिन नंदिनी राज  को किसी से बात करते हुए सुन लेती है और नंदिनी अपना बैग उठाकर  मायके चली जाती है और अपने घर में एलान कर देती है  वह  उस से तलाक लेना चाहती है।  राज की मम्मी उन्हें समझाती है ,"  गुस्सा गिला पति पत्नी में होता ही रहता है , वह आपस में सुलझा लें।

कई दिन गुजर जाते हैं नंदिनी राज के घर डिवोर्स के कागज भेज देती है ।

   राज को परेशान देख कर सीमा राज को उसकी  उदासी की वजह पूछती है।

  राज- सीमा, वो...हमारे सीक्रेट के कारण नंदिनी ने डिवोर्स पेपर भेजे है

  सीमा- क्या!!!! ये सब मेरे कारण हुआ, मैं बहुत बदनसीब हूं, मुझे मर जाने दिया होता

और फूट फूट कर रोने लगती है

राज- उसे गले लगाता है और कहता है खबरदार, अगर मेरी गुङिया को बदनसीब कहा

    सीमा राज को अपनी कसम दे कर नंदिनी से सच बताने के लिए जाने की जिद्द करती है।

राज- नंदिनी कैसी हो

नंदिनी खामोश खड़ी रहती है।

     सीमा- भाभी मुझे माफ़ कर दो, मेरी वजह से ये सब हुआ,  आप मुझे सजा दे दो, पर भाई की ज़िंदगी में वापिस आ जाओ,प्लीज़

  राज नंदिनी को कहता है , मेरी बात एक बार सुन लो, विश्वास करना या न करना तुम्हारी मर्जी। तकरीबन दो महीने पहले जब मैं ऑफिस से घर आ रहा था तो एक लङकी नहर में कूदकर जान देने लगी थी।

,मैने पीछे से जाकर उसे कूदने से बचा लिया। और बहुत जोर देने पर इस ने बताया कि ये सीमा है , वह एक गरीब घर की लड़की है उसके पिता की मौत हो चुकी है। उसने देखा कि उसके शरीर में और लड़कियों जैसे चेंजेज नहीं आ रहे हैं । जब उसने नेट पर सर्च की तो उसे पता चला कि वह एक किन्नर है  और समाज उसका साथ नहीं देगा उसे कोई सत्कार नहीं मिलेगा ।इसलिए वह अब जीना नहीं चाहती।

तब राज उस से वादा करता है कि वह भाई बन कर उसके साथ हमेशा खड़ा रहेगा और उससे ये भी वादा लेता है कि वह जिंदगी में कभी भी सुसाइड करने जैसा सोचेगी भी नहीं है ।और उसका यह सीक्रेट वह ताउम्र सीक्रेट ही रखेगा ।जो वह पैसे लेता था उस लड़की के भविष्य के लिए अलग से जमा कर रहा था। जब वह नंदिनी को समय नहीं देता तब वह उसकी काउंसलिंग कर रहा होता था

जब यह सच्चाई नंदिनी को पता चलती है तो वह बहुत भावुक और शर्मिंदा हो कर राज से कहती है कि मुझ पर एक बार भरोसा  किया होता, मुझे सच बताया होता।।


 प्रभजोत कौर जोत, 

मोहाली, पंजाब



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