नववर्ष

अरुणिता
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है वर्ष नया उत्कर्ष नया आने वाला संघर्ष नया

तुम पार करो हर पर्वत को यह है अपना आशीष नया

अलविदा कहो उस वर्ष को तुम जो है अब जानेवाला

पर याद रखो वह संघर्ष जिसके सम्बल ने  है तुम्हें संभाला ।

 

लेकर आये नव वर्ष जीवन में नित नवल उत्सव के रंग ।

यदि आये अमावस भी भर दे दीपावली की उमंग

तुम्हारे जीवन में भरदे नव वर्ष नवीन उत्साह के रंग

सूरज की किरणे भर दें इंद्रधनुष से भाव तरंग ।

 

भरना है हौसलों की उड़ान थाम उम्मीद की डोर ।

तुम्हारी साहस ही लाएगी एक नई उज्ज्वल सी भोर ।

गई जो बीत गई उससे ले सीख नई आगे बढ़ते जाना है

आगत का कर स्वागत जीवन में खुशियों के दीप जलाना है

   निर्मला कर्ण

  रांची,झारखंड

 

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