ये जीवन एक गीत

अरुणिता
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ये जीवन एक गीत है...

कभी आँख के कोरों से बहते अश्रुधार,

कभी अधरों पे सजे मीठी मुस्कान है!

सुख- दुख के सुरों से सजी,

एक मधुर संगीत है...

 

ये जीवन एक गीत है...

सफर में चलते जाना धर्म अपना,

चाहे बाधाओं से पड़े टकराना!

अपनी- अपनी तक़दीर है,

कभी हार तो कभी जीत है...

 

ये जीवन एक गीत है...

जाति- धर्म में भेद न हो कोई,

इंसानियत ही इंसान की पहचान हो!

कोई भी भूखा ना सोये यहाँ,

ऊपर वाला सबका मनमीत है...

 

ये जीवन एक गीत है...

नफरत की खाई बहुत है जग में,

प्रेम की माटी से हम उसे पाट लेंगे!

सबके हृदय पर वास हो जिसका,

एक मंत्र वो संसार में बस प्रीत है...

ये जीवन एक गीत है...!

  

  अनिता सिंह (शिक्षिका)

  देवघर, झारखण्ड।

 

  

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