मेरे दोस्त

अरुणिता
By -
0

 

ये तुझे क्या हो गया मेरे दोस्त

क्या मुझसे तू खफा हो गया मेरे दोस्त

दुनिया बुरी है तो रहने दे

तू क्यों बुरा हो गया मेरे दोस्त

एक सपना जो हम दोनो ने देखा था

वो सपना पूरा हो गया मेरे दोस्त

दोस्ती जुदा होकर ही याद आती है

इसलिए मैं तुझसे जुदा हो गया मेरे दोस्त

तुमने मुझसे कहा था कामयाब हो जाओ

कामयाब यह दोस्त तेरा हो गया मेरे दोस्त

  

न तुम उदास थे न हम उदास थे

सच तो ये है कि मौसम उदास थे

तुमने कभी अपनी ख़ुशी को खुश देखा

मैंने देखा मेरे गम उदास थे

  

~ सुशान्त सजल

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Out
Ok, Go it!