बहिन

अरुणिता
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 माँ का दूसरा अवतार हैं बहिन,

अनंत आशीष प्यार है बहिन,

जिनके बहिन होती हैं वो जानते,

घर में खुशी का सार है बहिन।

 

भाई की गलती अपने सिर ले लेती है,

अपने हिस्से का सब कुछ दे देती हैं,

बहिन के बिना राखी सुनी होती हैं,

जैसे चिड़ियों के बिना डाली सुनी होती हैं।

 

नाम आपका कभी कम ना होने देगी,

साथ हमेशा देगी आँखे नम ना होने देगी।

मेरी विनती हैं पढ़े-लिखे माता-पिता से,

बहिन-बेटियों को आने दो इस दुनिया में।।

 

- ओम प्रकाश लववंशी 'संगम'

 

 

 

 

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