डॉ० मध् आँधीवाल

माँ का प्रतिरूप

मीरा एकटक ठुमक ठुमक चलती नन्दिनी को निहार रही थी । उसे देखते देखते नन्दिनी की जगह रुचिका दिखाई देने लगी । उसकी प्राण से…

प्यार का इज़हार

झमाझम बारिश हो रही थी । पूस के महीने की बारिश ठंड का कहर ढा देती है । मंजरी अकेली अपने कमरे के दरवाजे से इस नजारे को दे…

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